
एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर, कुछ खतरनाक गैंगस्टर्स, उन गैंगस्टर्स को पनाह देने वाला एक नेता और उत्तर प्रदेश या बिहार की बैकग्राउंड। एक बहुत ही धांसू किस्म की वेब सीरीज़ या फ़िल्म का प्लॉट तैयार है।
आकाश मोहिमन, जय शीला बंसल और रोहित चौहान की लिखी व जतिन सतीश वागले की निर्देशित इस वेब सीरीज़ का नाम है “भौकाल”। यह कहानी है एसएसपी नवीन सिकेरा की, जिनका तबादला होता है मुजफ्फरनगर में वहां की जर्जर कानून व्यवस्था को संभालने के लिए। मुजफ्फरनगर में शौकीन और डेढा भाईयों नाम की दो माफिया गिरोहों ने इस हद तक अपनी दहशत फैला रखी है कि पुलिस भी उनके नाम से कांपती है। एसएसपी नवीन सिकेरा कैसे इन दो माफिया गिरोहों पर अपना शिकंजा कसते हुए मुजफ्फरनगर को अपराध मुक्त बनाते हैं, यह सीरीज़ इस सफर को बयां करती है।
इस तरह की अब बहुत सी कहानियां हमको आए दिन रोज ही देखने को मिलती हैं। रंगबाज, कंपनी जैसी कई सारी फिल्में और वेब सीरीज़ राजनीति और अपराधीकरण के इस गठजोड़ की कहानियां सुनाती है। इसी फेहरिस्त में “भौकाल” भी शामिल है। लेखन और निर्देशन में आकाश मोहिमन, जय शीला बंसल और रोहित चौहान व जतिन सतीश वागले ने अपना 100% देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। गन्ने के खेतों में गैंगवार के सीन्स, शौकीन गैंग द्वारा एक किसान के बेटे की किडनैपिंग, जैसे कुछ दृश्यों को बार-बार देखने का दिल करता है। एक और बात जो इन सभी दृश्यों को और दिलकश बनाती है वह यह कि किसी भी तरह की आर्टिफिशियल लाइटिंग का उपयोग नहीं किया गया है। घने कोहरे में चल रही गोलियां, खासकर की आखिरी की दृश्य में एक पूरे खेत के जलने का सीक्वेंस बहुत ही बेमिसाल लगते हैं।
बात करते हैं एक्टिंग की तो अभिमन्यु सिंह अपने अभिनय से बहुत ही प्रभावित करते नजर आते हैं। इससे पहले ‘रक्त चरित्र’ फ्रेंचाइजी के पहले भाग में, कॉमेडियन ज़ाकिर खान की वेब सीरीज़ ‘चाचा विधायक है हमारे’ में विलेन का किरदार निभा चुके अभिमन्यु सिंह एक बार फिर विलेन की भूमिका में दिखाई दिए हैं और बेहद ही दमदार तरीके से अपनी भूमिका निभाते नजर आए हैं। आपको अभिमन्यु सिंह के अभिनय में एक बार भी ऐसा महसूस नहीं होगा कि उनको एक्टिंग करनी पड़ रही है। बिना किसी अति नाटकीयता के वह जिस तरीके से विलेन का किरदार निभाते हैं, कुछ चंद फ्रेम्स में ही अपना खौफ कायम करते नजर आते हैं। उनके खासमखास फाहरूख का किरदार निभा रहे सनी हिंदूजा ने भी बेहतरीन अभिनय किया है। एसएसपी नवीन सिकेरा के किरदार में मोहित रैना बिल्कुल फिट बैठते हैं। एक शांत, संयमित लेकिन एक खूंखार पुलिस ऑफिसर के किरदार में वह शानदार लगे हैं। यहां पर बिदीता बैग के अभिनय के बारे में जितने शब्द कहे जाएं उतने कम हैं। नाज़नीन के दोगले चरित्र को उन्होंने बड़ी ही संजीदगी के साथ निभाया है। पत्रकार के किरदार में गुल्की जोशी भी अच्छी लगी हैं। प्रदीप नागर और सिद्धांत कपूर ओवरएक्टिंग करते नजर आते हैं।
कुछ बहुत ही नया तलाशने के लिए अगर इस वेब सीरीज को देखेंगे तो निराश होंगे, लेकिन क्राइम से जुड़ी कहानियों में दिलचस्पी रखने वाले दर्शकों के लिए यह अब तक की सबसे बेमिसाल सीरीज़ है। शुरुआत के एपिसोड्स में थोड़ी धीमी शुरूआत करते हुए यह अंत में रफ्तार पकड़ती है और मनोरंजन करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। “भौकाल” के अगले पार्ट का बेसब्री से इंतजार है।